Dearness Allowance Merger 2025: केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता शून्य, बेसिक सैलरी और पेंशन में मर्ज

Dearness Allowance Merger :महंगाई भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी का अहम हिस्सा होता है. हालांकि, महंगाई भत्ते को पेंशन और वेतन के साथ शून्य कर दिया जाएगा। इसका असर कर्मचारियों की सैलरी पर भी पड़ सकता है।

आइए जानते हैं महंगाई भत्ते और महंगाई राहत का मूल वेतन और मूल पेंशन में विलय करने के बाद कर्मचारियों पर क्या असर होगा. सरकारी कर्मचारियों को महंगाई के हिसाब से भत्ता दिया जाता है। वहीं पेंशनर्स को भी उतने ही प्रतिशत के हिसाब से महंगाई राहत दी जाती है।

वर्तमान में कर्मचारियों को मूल वेतन और पेंशन में 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता (महंगाई भत्ता विलय) मिल रहा है। महंगाई भत्ता हर साल दो बार संशोधित किया जाता है। जिसे 1 जनवरी और 1 जुलाई से प्रभावी माना जाता है। वहीं, आमतौर पर मार्च और अक्टूबर में इसकी घोषणा की जाती है।

Dearness Allowance Merger

Dearness Allowance Merger

8वें वेतन आयोग पर क्या है अपडेट

केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 1 जनवरी 2026 से नए वेतन आयोग का लाभ मिलना शुरू हो सकता है। नया वेतन आयोग लागू होने से एक तरफ दूसरे कर्मचारियों और पेंशनधारकों की पेंशन में भी भारी इजाफा हो सकता है, तो दूसरी तरफ कुछ भत्तों में भी कटौती हो सकती है।

पेंशन में होगी बंपर बढ़ौतरी

वर्तमान में सेवानिवृत्त कर्मचारियों की न्यूनतम मूल पेंशन 9,000 रुपये और अधिकतम पेंशन 1,25,000 रुपये महीने है। वहीं, 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 की बात कही जा रही है। अगर 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू हो जाता है तो न्यूनतम पेंशन 9 हजार रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये प्रति माह हो जाएगी।

See also  Post Office National Saving Certificate Scheme: Interest, Investment – Full Details, Benefits & Application Process

यानी पेंशन में 186 फीसदी बंपर की बढ़ोतरी होगी। वहीं, अधिकतम पेंशन भी 3,57,500 रुपये पहुंचेगी। कर्मचारियों की सैलरी में बंपर भी बढ़ोतरी हो सकती है।

कर्मचारियों का महंगाई भत्ता शून्य हो जाएगा

बेसिक सैलरी और पेंशन में 53 फीसदी महंगाई और महंगाई राहत मिलती है. महंगाई भत्ता बढ़ाने के लिए इसे साल में दो बार अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीआई) के आधार पर संशोधित किया जाता है.

8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद रिवाइज्ड सैलरी और पेंशन मिलेगी। हर बार जब नया वेतन आयोग लागू होता है, महंगाई भत्ता शून्य होता है। पुराना महंगाई भत्ता न्यूनतम मूल वेतन और मूल पेंशन में जोड़ा जाता है। नए वेतन आयोग के लागू होने से महंगाई भत्ता शून्य हो जाएगा।

ये है महंगाई भत्ते की ऐसी गणना

8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकती हैं। अभी महंगाई भत्ता (डीए) को दो बार और बढ़ाया जा सकता है. पहला जनवरी 2025 में लागू किया जाएगा और दूसरा जुलाई 2025 में लागू किया जाना है। मान लिया जाए कि इसके बाद हर तीन फीसदी महंगाई भत्ता लागू होगा तो इसे घटाकर 59 फीसदी किया जा सकता है.

वहीं, अगर 8वें आयोग के क्रियान्वयन में देरी होती है तो अगले साल जनवरी से यह 62 फीसदी हो सकती है। इसके बाद केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में संशोधन के लिए मूल वेतन को मिलाकर महंगाई का आकलन कर अगला वेतन तय किया जा सकता है।

Important Links

Join Telegram Click Here

निष्कर्ष – Dearness Allowance Merger

इस तरह से आप अपना  Dearness Allowance Merger  से संबंधित और भी कोई जानकारी चाहिए तो हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं |

See also  District Court Gurugram Recruitment 2023: क्लर्क के 17 पदों के लिए आवेदन पत्र यहां करें आवेदन, और जाने - Full Information

दोस्तों यह थी आज की Dearness Allowance Merger  के बारें में सम्पूर्ण जानकारी इस पोस्ट में आपको इसकी सम्पूर्ण जानकारी बताने कोशिश की गयी है

ताकि आपके Dearness Allowance Merger  से जुडी जितने भी सारे सवालो है, उन सारे सवालो का जवाब इस article में मिल सके|

तो दोस्तों कैसी लगी आज की यह जानकारी, आप हमें Comment box में बताना ना भूले, और यदि इस article से जुडी आपके पास कोई सवाल या किसी प्रकार का सुझाव हो तो हमें जरुर बताएं |

और इस पोस्ट से मिलने वाली जानकारी अपने दोस्तों के साथ भी Social Media Sites जैसे- Facebook, twitter पर ज़रुर शेयर करें |

ताकि उन लोगो तक भी यह जानकारी पहुच सके जिन्हें Dearness Allowance Merger  की जानकारी का लाभ उन्हें भी मिल सके|

Updated: March 17, 2025 — 9:24 am

The Author

Prince

सब एडिटर (इंटरनेशनल डेस्क) sarkarimap(sarkarimap.com/). पत्रकारिता का अनुभव 1.5 साल. अमर उजाला से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद sarkarimap.com में नई पारी का आगाज किया है. राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय खबरों के लेखन में दिलचस्पी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *